Traditional business v/s Digital marketing

ट्रेडिशनल मार्केट में व्यक्ति अपनी खरीदारी थोक व्यापारी से करता है और उसे रिटेल मार्केट में बेचता है अपने सामान का रखरखाव स्वयं करना होता है और डिजीटल मार्केटिंग में वह दूसरे से सामान लेकर दूसरे को उसकी जरूरत के लिए दे दता है इसके अनुसार वह उसकी सेवा करता है और सेवा शुल्क ले लेता है ट्रेडिशनल मार्केट में पैसे का लेनदेन मार्केट में जाकर करना होता है । इसमें नुकसान होने का भय बना रहता है, लेकिन डिजिटल मार्केट में पैसे का लेनदेन डिजिटल सिस्टम द्वारा किया जाता है।जिससे कोईभी हानि होने का भय नहीं होता और व्यक्ति आसानी से अपने व्यापार को तरक्की के रास्ते पर ले जाता है। । ट्रेडिशनल मार्केट में तरक्की के लिए आपको होर्डिंग लगाने पढ़ते हैं और प्रिंट मीडिया में ऐड करना होता है जिससे आप ग्राहक को जोड़ते हैं इसके अलावा डिजिटल मार्केट में आपको अपना इकोसिस्टम तैयार कर डिजिटल मार्केट में अपनी वेबसाइट बनाकर अपनी दुकान के बारे में बताना होता है इससे ग्राहक आपके पास आता है और आपसे खरीदारी करता है वह अपने घर से खरीदारी कर सकता है अपने घर से लेनदेन कर सकता है इतनी सुविधाओं के बाद आपका कारोबार बढ़ने लगता है जिस प्रकार Aaj pure sansar mein digital marketing का वर्चस्व बढ़ा है usko dekhte hue sabko digital marketing karna chahie iske liye digital learning karke aap apne vyavsay ko digital marketing ke jarie digital karke Paisa Kama sakte hain। और डिजिटल मार्केटिंग से कमाने के तरीकों में बदलाव लाकर कई तरह की इनकम पैदा कर सकते हैं ।

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